मेरे भगवान
व्यथित तन
आपमें विश्राम पाता है
उद्विग्न मन
आपके स्पर्श से शांत हो जाता है
उड़ना चाहूं
तो आपकी बाहें मेरा आकाश है
तड़पती भावनाओं को
समा लेने वाला सागर आप है
सांसों की लय
ह्रदय का स्पंदन
सब आपकी वायु से संचालित
है, मुझमें
बोलिए हुए न आप मेरे भगवान।