जीवन की आपाधापी में कुछ पल सुकून के बीता लेना ही कविता है। अनगिनत जिम्मेदारियों में जकड़ा जीवन जब भी सांस लेना चाहता है, कोई नई समस्या सामने आ ही... Read more
जीवन की आपाधापी में कुछ पल सुकून के बीता लेना ही कविता है। अनगिनत जिम्मेदारियों में जकड़ा जीवन जब भी सांस लेना चाहता है, कोई नई समस्या सामने आ ही जाती है। ऐसे में मन चाहता है दो घड़ी का ही सही पर सुकून मिले। मेरे मन का सुकून है कविताएं। चाहे नारी मन की व्यथा कथा हो या रिश्तों के चक्रव्यूह, प्रत्येक परिस्थिति में मन जब कलम को उंगली से पकड़ कर कागज पर कुछ शब्द उड़ेल देता है तो बहुत सुखद अनुभूति होती है। यह कह लें तन मन दोनों को सुकून मिल जाता है। आशा है, मेरा सुकून, आपका सुकून बने। मेरे इस कविता संग्रह को आपका आशीर्वाद और स्नेह मिले।
हृदय से आभार