– मेरे अपने निकले जब दगाबाज –
– मेरे अपने निकले जब दगाबाज –
मुझको अकेला छोड़कर जब वो मुझसे दूर,
विपत्ति में नही दिया उन्होंने मेरा साथ,
संकट में जिन्होंने छोड़ दिया मेरा साथ,
कहते थे जो मेरे अपने की हरदम हरवक्त हम है तुम्हारे साथ,
एक घड़ी एक आंधी में बिखर गए पेड़ के पत्तो की तरह,
जो कहते थे तेरी मुसीबत में है तेरे साथ,
जिनके लिए धन संचय किया जिनका रखा सदा मान,
उनसे ही मिला मुझको यह आघात,
उन्होंने बता दी मुझको अपनी औकात,
अब में उनको बताता हु मेरी क्या बिसात,
करके अच्छे काम में पाऊं दुनिया का प्यार,
मिला नही मुझको मेरे अपनो का कभी भी मुझे प्यार,
क्योंकि मेरे अपने है दगाबाज,
✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184 –