Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jun 2023 · 1 min read

*कुछ गुणा है कुछ घटाना, और थोड़ा जोड़ है (हिंदी गजल/ग

कुछ गुणा है कुछ घटाना, और थोड़ा जोड़ है (हिंदी गजल/गीतिका)
———————————————-
(1)
कुछ गुणा है कुछ घटाना, और थोड़ा जोड़ है
जिंदगी में क्या पता, किस को कहॉं क्या मोड़ है
(2)
युक्ति से जो काम लेते, जीतते हैं रण वही
नीति के कारण बड़ा, योद्धा बना रणछोड़ है
(3)
जिसने बनाया इस तरह विष, आदमी बचता नहीं
जानता है वह कि विष का, उसका क्या-क्या तोड़ है
(4)
इस तरह से भी असर, महॅंगाई का देखा गया
शुरुआत घोटालों की ही, अब हजार करोड़ है
(5)
सब दिखावे का चलन है, आजकल जो चल रहा
एक दूजे से परस्पर, बस इसी में होड़ है
————————————————–
*रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

398 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
आज उम्मीद है के कल अच्छा होगा
आज उम्मीद है के कल अच्छा होगा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय
भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय
Ram Krishan Rastogi
*हूँ कौन मैं*
*हूँ कौन मैं*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ढूंढें .....!
ढूंढें .....!
Sangeeta Beniwal
💐प्रेम कौतुक-351💐
💐प्रेम कौतुक-351💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
■ सवालिया शेर।।
■ सवालिया शेर।।
*Author प्रणय प्रभात*
मातृ दिवस
मातृ दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
प्यार की कलियुगी परिभाषा
प्यार की कलियुगी परिभाषा
Mamta Singh Devaa
फादर्स डे
फादर्स डे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जल खारा सागर का
जल खारा सागर का
Dr Nisha nandini Bhartiya
*आस्था*
*आस्था*
Dushyant Kumar
घरौंदा इक बनाया है मुहब्बत की इबादत लिख।
घरौंदा इक बनाया है मुहब्बत की इबादत लिख।
आर.एस. 'प्रीतम'
ठंड
ठंड
Ranjeet kumar patre
कोई...💔
कोई...💔
Srishty Bansal
शीर्षक तेरी रुप
शीर्षक तेरी रुप
Neeraj Agarwal
प्रभु जी हम पर कृपा करो
प्रभु जी हम पर कृपा करो
Vishnu Prasad 'panchotiya'
*धरती हिली ईश की माया (बाल कविता)*
*धरती हिली ईश की माया (बाल कविता)*
Ravi Prakash
विषय:- विजयी इतिहास हमारा।
विषय:- विजयी इतिहास हमारा।
Neelam Sharma
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
Buddha Prakash
"बेहतर दुनिया के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
मैंने इन आंखों से गरीबी को रोते देखा है ।
मैंने इन आंखों से गरीबी को रोते देखा है ।
Phool gufran
चाटुकारिता
चाटुकारिता
Radha shukla
रमेशराज के कुण्डलिया छंद
रमेशराज के कुण्डलिया छंद
कवि रमेशराज
वाल्मीकि रामायण, किष्किन्धा काण्ड, द्वितीय सर्ग में राम द्वा
वाल्मीकि रामायण, किष्किन्धा काण्ड, द्वितीय सर्ग में राम द्वा
Rohit Kumar
दर्द
दर्द
Dr. Seema Varma
"ख़ामोशी"
Pushpraj Anant
धन बल पर्याय
धन बल पर्याय
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
क्यों मानव मानव को डसता
क्यों मानव मानव को डसता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
माँ
माँ
meena singh
Loading...