आती रजनी सुख भरी, इसमें शांति प्रधान(कुंडलिया)
*खामोशी अब लब्ज़ चाहती है*
‘ विरोधरस ‘---5. तेवरी में विरोधरस -- रमेशराज
■ नज़रिया बदले तो नज़ारे भी बदल जाते हैं।
*चिड़ियों को जल दाना डाल रहा है वो*
याद करेगा कौन फिर, मर जाने के बाद
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
श्रेष्ठ विचार और उत्तम संस्कार ही आदर्श जीवन की चाबी हैं।।
हमें पता है कि तुम बुलाओगे नहीं
💐प्रेम कौतुक-407💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मत बुझा मुहब्बत के दिए जलने दे
मुझे तुमसे अनुराग कितना है?
Wakt hi wakt ko batt raha,
At the end of the day, you have two choices in love – one is
बंदूक से अत्यंत ज़्यादा विचार घातक होते हैं,
कम्प्यूटर ज्ञान :- नयी तकनीक- पावर बी आई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'