मेरी हिम्मत हैं पिता
मेरी हिम्मत हैं पिता
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मेरी हिम्मत और मेरा गर्व हैं पिता,
मेरा सुख दौलत मेरा अस्तित्व है पिता।
मेहनत करके खून पसीना बहाते,
पिता हम सब पर खुशियां ढेरों लुटाते।
और हम सबका अभिमान हैै पिता,
घर की शान और जान है
तुम से ही रोशन मेरे दिन रात हैं।
एक वृक्ष हो तुम,जिसकी छत्रछाया में,
हम सब सुरक्षित और चैन से,
सोते हैं पिता —-
मेरी हिम्मत और मेरा गर्व है पिता!!
आप ही बागवा हो हमारे पथ के,
चुनलेते हो सारे कांटे जीवन से।
कोई मुसीबत हम सब पर ना आए,
हम सबके संबल बन जाते!!!!
मेरी हिम्मत और गर्व है पिता—
मेरा सुख ,दौलत मेरा अस्तित्व है पिता !!!
सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर