मेरी दुआ
सभी चाहते हैं उँचाई पर पहुचना, तुझे भी है ये दूरी तय करना…
राहे बहुत हैं, पर जब भी कोई राह दिखे तो ये बात याद रखना,
जिस राह पर, सचाई का दामन ना छूटे, मॅन का विश्वास ना टूटे|
स्वयं का एहसास रहे, लोगो का भी साथ रहे,
आसमान तो हो ही, जमी पर भी पावं रहे|
उज्ज्वल भविश्य रहे, किंतु अतीत पर भी गर्व रहे|
जब भी कई राह दिखे, तुझे सच्ची राह दिखे,
इन्ही राहो पे तेरे पावं चले, इन्ही राहो से तुझे राह मिले
बस इतनी दुआ है मेरी कि,
तेरे हर कदम पर तुझे और मुझे नाज़ रहे||