“मेरी चाहत “
“मेरी चाहत ”
किसी रात रानी की बेटी है तू शायद
इसलिए ही रात भर तू महकती है,
सारी ख्वाहिशों की दिलरुबा है तू ही
मेरी चाहत तेरी खोज में भटकती है।
“मेरी चाहत ”
किसी रात रानी की बेटी है तू शायद
इसलिए ही रात भर तू महकती है,
सारी ख्वाहिशों की दिलरुबा है तू ही
मेरी चाहत तेरी खोज में भटकती है।