“मेरे किसान बंधु चौकड़िया’
मु. ई पिंजरा कौ नईया ठिकानो मुनैया
नई जाने कब उढ़ जाने……………
1.उडत समय कोऊ देख ना पावे
बैठे रो रये रुवैया चिरैया
नई जाने कब उढ़ जाने……..
2.गांव पुरा के सब जुरयांहैं
समझा रये समझैया चिरैया
नई जाने कब उढ़ जाने….
3. धन दौलत और माल खजानो
काम ना आवे रुपैया चिरैया
नई जाने कब उढ़ जाने…….
@ankithalkejha
M.Sc.Botany
Bundelkhand university jhansi