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23 Nov 2018 · 1 min read

मेरी कविता

अपनों से ज्यादा परे नहीं होते,
लम्हों से ज्यादा समय नहीं होता,
काँच के छोटे छोटे टूकड़े बिखरें हुये जुड़े नहीं होते,
अफ़सोस से ज़िन्दगी मगरूर होती हैं,
दिल में बसी तो सुकुन होती हैं!

Language: Hindi
1 Like · 241 Views
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