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14 May 2024 · 1 min read

मेरा स्वर्ग

मैंने अपना स्वर्ग खुद गढ़ा है
कभी निकल पड़ी
अकेले सैर के लिए
कभी अनदेखा किया
दूसरों के ताने
कभी शांत पड़ी रही
नहीं किया विद्रोह
कभी बतियाया
अजनबियों से बेझिझक
कभी नदी किनारे
घंटों बैठी रही
फिर लौटी देर रात
यह मेरा स्वर्ग है
जो दुनिया की नजरों में
अपने अर्थ बदल देता है।

Language: Hindi
1 Like · 48 Views
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