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19 Feb 2024 · 1 min read

जानते वो भी हैं…!!!

बदला मौसम बदले हैं नजारे,
जानते वो भी हैं जानते हम भी हैं।

कहाँ मिले नदी के दो किनारे,
जानते वो भी हैं जानते हम भी हैं।।

एक है आशियाँ एक ही रहगुजर,
तकदीर अपनी हैं अपने सितारे,
जानते वो भी….!

लाख कोशिश मिलने मुमकिन नहीं,
ख्यालात उनके औ’ हमारे,
जानते वो भी…!!

करके बहाना अक्सर पूछते हैं जो,
छुपे नहीं हालात हमारे,
जानते वो भी…!!

चुप लगा के लबों पे बैठे हैं “कंचन”
है किश्ती उसी रब के सहारे,
जानते वो भी….!!

रचनाकार – कंचन खन्ना, मुरादाबाद,
(उ०प्र०, भारत)।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार)।
दिनांक – १६/०७/२०१९.

Language: Hindi
2 Likes · 48 Views
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