मेरा अधूरा ख्वाब हो तुम
मैं जिसे हमेशा हमेशा देखना चाहता हूं।
वो अधुरा ख्वाब हो तुम।
मेरे हर सवालों का पूरा-पूरा जवाब हो तुम।।
तुम्हारे खयालों का तो मै नही जानता।
पर मेरा अनुबूझा सा खयाल हो तुम।।
हर दिल की निगाह है तुम पर ‘‘साथी‘‘।
बरसात में भिगी हुई शबाब हो तुम।।
अनबूझी प्यास का महज़ एक दरिया हो।
कभी पी के ना बूझेगी ऐसी शराब हो तुम।।
खुश रहो सदा यही मेरी तमन्ना है।
बशर्ते वैसी ही रहना जैसी आज हो तुम।।
मैं जिसे हमेशा हमेशा देखना चाहता हूं।
वो अधुरा ख्वाब हो तुम।
मेरे हर सवालों का पूरा-पूरा जवाब हो तुम।।