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29 Oct 2024 · 1 min read

मूर्ख बताने वालो

हमको मूर्ख बताने वालों
खुद को चतुर दिखाने वालों
तुम कागा बन जाओगे
हम तो मस्त फकीरी में है
तुम मन अपना भटकाओगे

क्या क्या जतन जो करते रहते
जाने क्या कुछ कहते रहते
सोचो क्या ले जाओगे
हम तो अपनी धुन रहेंगे
तुम धुन धुन पछताओगे

काहे इधर उधर मचले हो
देख के आगे क्यों पिछड़े हो
यूँ छिछले राह पे जाओगे
हम तो हाथ पे हाथ धरे है
तुम गफलत में रह जाओगे

कर लो चिन्तन मंथन अब भी
थोड़ा पूजा कुछ अर्चन भी
और क्या कुछ कर पाओगे
अपनी तो यही जीवन पूंजी
तुम सबकुछ ही गँवाओगे

………………………………………

Language: Hindi
23 Views
Books from Dr.Pratibha Prakash
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