मुहब्बत भी करके मिला क्या
दिन-दिनांक : बुधवार, १५ मई, २०२४
विद्या : ग़ज़ल
विषय : इश्क/प्यार/मुहब्बत
शीर्षक : मुहब्बत भी करके मिला क्या
बह्र: बहरे मुतकारिब मुसद्दस सालिम
अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन
मात्रा भार : १२२ १२२ १२२
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मुहब्बत भी करके मिला क्या,
लगाया जो दिल तो हुआ क्या !
वफा में मिली बे-वफाई,
करें अब किसी से गिला क्या !
सितम ही सितम इस सफर में,
बड़ी और इससे सजा क्या !
लगाया था तरूवर ऐ चाहत,
देखो तो ज़रा गुल खिला क्या !
सूना सा लगे सब ‘धरम’ को,
सनम बिन बहारें फ़िजा क्या !!
!
स्वरचित : डी के निवातिया