Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2023 · 1 min read

बीरबल जैसा तेज तर्रार चालाक और समझदार लोग आज भी होंगे इस दुन

बीरबल जैसा तेज तर्रार चालाक और समझदार लोग आज भी होंगे इस दुनिया में मगर वो अकबर की जगह कभी नहीं ले सकते चाहे वो लाख प्रयास क्यूँ न कर ले । कुछ चीजें भाग्य में लिखी होती हैं और कुछ मेहनत और कठिन परिश्रम के सहारे ही मिलता है । जो भाग्य में लिखा होता है वो तो होकर ही रहेगा लेकिन परिश्रम में थोड़ा भी कहीं थकावट महसूस हुई तो परिणाम आपकी जगह किसी दूसरे को मिल जायेगा । इसलिये परिश्रम करने से कभी घबराना नहीं चाहिए ।

कवि – मनमोहन कृष्ण
तारीख – 11/10/2023
समय – 08 : 58 ( सुबह )

217 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आ गए आसमाॅ॑ के परिंदे
आ गए आसमाॅ॑ के परिंदे
VINOD CHAUHAN
शिक्षक है आदर्श हमारा
शिक्षक है आदर्श हमारा
Harminder Kaur
किया पोषित जिन्होंने, प्रेम का वरदान देकर,
किया पोषित जिन्होंने, प्रेम का वरदान देकर,
Ravi Yadav
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
#सनातन_सत्य
#सनातन_सत्य
*Author प्रणय प्रभात*
काश! तुम हम और हम हों जाते तेरे !
काश! तुम हम और हम हों जाते तेरे !
The_dk_poetry
“ दुमका संस्मरण ” ( विजली ) (1958)
“ दुमका संस्मरण ” ( विजली ) (1958)
DrLakshman Jha Parimal
* शरारा *
* शरारा *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अलगाव
अलगाव
अखिलेश 'अखिल'
प्रणय 2
प्रणय 2
Ankita Patel
स्वतंत्रता दिवस
स्वतंत्रता दिवस
Dr Archana Gupta
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
Rj Anand Prajapati
ग़रीब
ग़रीब
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
.......,,,
.......,,,
शेखर सिंह
खुद में, खुद को, खुद ब खुद ढूंढ़ लूंगा मैं,
खुद में, खुद को, खुद ब खुद ढूंढ़ लूंगा मैं,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
नेतागिरी का धंधा (हास्य व्यंग्य)
नेतागिरी का धंधा (हास्य व्यंग्य)
Ravi Prakash
देख स्वप्न सी उर्वशी,
देख स्वप्न सी उर्वशी,
sushil sarna
इलेक्शन ड्यूटी का हौव्वा
इलेक्शन ड्यूटी का हौव्वा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ईंट खोदकर नींव की, गिरा दिया निज गेह ।
ईंट खोदकर नींव की, गिरा दिया निज गेह ।
Arvind trivedi
उनकी तोहमत हैं, मैं उनका ऐतबार नहीं हूं।
उनकी तोहमत हैं, मैं उनका ऐतबार नहीं हूं।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
लोकशैली में तेवरी
लोकशैली में तेवरी
कवि रमेशराज
तेरी महबूबा बनना है मुझे
तेरी महबूबा बनना है मुझे
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
✍️फिर वही आ गये...
✍️फिर वही आ गये...
'अशांत' शेखर
फुटपाथ की ठंड
फुटपाथ की ठंड
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ज़िंदगी हम भी
ज़िंदगी हम भी
Dr fauzia Naseem shad
हम मोहब्बत की निशानियाँ छोड़ जाएंगे
हम मोहब्बत की निशानियाँ छोड़ जाएंगे
Dr Tabassum Jahan
तुम क्या चाहते हो
तुम क्या चाहते हो
gurudeenverma198
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*ऋषि नहीं वैज्ञानिक*
*ऋषि नहीं वैज्ञानिक*
Poonam Matia
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
Loading...