मुहब्बत के लिए
कोई जीता है
इज्ज़त के लिए!
कोई जीता है
दौलत के लिए!!
कोई जीता है
ताक़त के लिए!
कोई जीता है
शोहरत के लिए!!
लेकिन मैं तो
जीता हूं, ऐ दोस्त!
सिर्फ़ और सिर्फ़
मुहब्बत के लिए!!
कोई जीता है
सियासत के लिए!
कोई जीता है
इबादत के लिए!!
#RomanticRebel
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)