मुझे पढ़ने का शौक आज भी है जनाब,,
मुझे पढ़ने का शौक आज भी है जनाब,,
अखबार और नई पुरानी सभी किताब,,
मिलती रहती है जानकारी लाजबाव,,
कुछ नया सीखने-समझने है सचगम साज,,
अंतर्मन से उठती आवाज….
पढ़ना है पूरा करना है ख्बाव!!
जिज्ञासु मन ढूंढ लेता जवाब,,
ज्यों सागर में भरा हो ज्ञानमय आब,,
मोती से अनमोल आखर से होता भान,,
सर्वत्र भरे जीवन नव -नव उजास,,
सत्य है किताब ही ऐसा दोस्त सदाबहार,,
मनमीत का करें सम्पूर्ण विकास,,
जीवन की उलझनों का करें निकास,,
ना शिकायत करे,ना रूठे,रहती पास,,
सहेज कर रखती अगिनत किताब।।
-सीमा गुप्ता,अलवर