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8 May 2018 · 1 min read

मुक्तक

तेरी आरजू आजमाइश बन गयी है!
मेरे ख्यालों की फरमाइश बन गयी है!
शाम भी आती है तन्हाई को लेकर,
मेरी जिन्दगी की नुमाइश बन गयी है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
369 Views
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