मुक्तक
!! मुक्तक !!
मिलाये जो नज़र उससे, निगाहें वो चुराता है,
ज़माने भर हमारे नाम की कसमें उठाता है !
करे किस से शिकायत अब गुनाहों की सनम के हम,
जिसे देखो वही, सज़दे में सर उसके झुकाता है !!
—-डी के निवातिया—-
!! मुक्तक !!
मिलाये जो नज़र उससे, निगाहें वो चुराता है,
ज़माने भर हमारे नाम की कसमें उठाता है !
करे किस से शिकायत अब गुनाहों की सनम के हम,
जिसे देखो वही, सज़दे में सर उसके झुकाता है !!
—-डी के निवातिया—-