मुक्तक
१.
जब हम न हों तो हमें
ख़ुशी में नही बेचैनियों में ढूंढा जाए
मेरे लफ़्ज़ों को सलीके से निचोड़ा जाए
उसी में मिलूंगी कहीं और न मुझको ढूंढा जाय !
२.
…सिद्धार्थ
रात के सिरहाने तेरे याद का गलीचा है
तू न सही तेरी याद को क्यूँ भीचा जाय !
…सिद्धार्थ
३.
***
कौन रहता है किसी का सगा होके उम्र भर के लिए
ये बचपन ये जवानी सब बिछड़ जाते धोखा दे के।
..सिद्धार्थ