मुक्तक
कहाँ मिला सबर तुझे,मुझे भी न करार आया
बिछड़े हम इस कदर कि दोनों दरबदर हो गए…
/
वहम ही सही तुम यूँ ही कायम रहा करो
तुम जहाँ भी रहो, बस मेरे अपने रहा करो …
… पुर्दिल…
26-04-2019
कहाँ मिला सबर तुझे,मुझे भी न करार आया
बिछड़े हम इस कदर कि दोनों दरबदर हो गए…
/
वहम ही सही तुम यूँ ही कायम रहा करो
तुम जहाँ भी रहो, बस मेरे अपने रहा करो …
… पुर्दिल…
26-04-2019