“मासूम अहसास”
मेरे हृदय की वेदना
तुम समझ पाओगे
यदि डूबते सूरज को
बड़े गौर से देखा होगा।
मेरी आँखों की नमी
तुम पढ़ पाओगे
यदि कोयल की कूक में
व्याकुलता को समझा होगा।
मेरे प्रेम की परिभाषा
तुम लिख पाओगे
यदि उगते सूरज की
लालिमा पर गौर किया होगा।
मेरे नेह की ज्योति
तुम देख पाओगे
यदि मुझे बचा पाओ
या मुझमें ही समा जाओ।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
वर्ष 2023 के लिए
साहित्य और लेखन के क्षेत्र में
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त।