Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Apr 2024 · 1 min read

कुछ राज़ बताए थे अपनों को

कुछ राज़ बताए थे अपनों को
ना जाने कैसे वो सरेआम हो गए
या तो हमने गलत समझ लिया वे अपने थे
या फिर सच में दीवारों के कान हो गए

24 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
सत्य कुमार प्रेमी
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
" जुदाई "
Aarti sirsat
గురు శిష్యుల బంధము
గురు శిష్యుల బంధము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
19. कहानी
19. कहानी
Rajeev Dutta
मेरी साँसों से अपनी साँसों को - अंदाज़े बयाँ
मेरी साँसों से अपनी साँसों को - अंदाज़े बयाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पंचचामर छंद एवं चामर छंद (विधान सउदाहरण )
पंचचामर छंद एवं चामर छंद (विधान सउदाहरण )
Subhash Singhai
ਐਵੇਂ ਆਸ ਲਗਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
ਐਵੇਂ ਆਸ ਲਗਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
Surinder blackpen
"ई-रिश्ते"
Dr. Kishan tandon kranti
■ लघु व्यंग्य :-
■ लघु व्यंग्य :-
*Author प्रणय प्रभात*
ज़िंदगी में वो भी इम्तिहान आता है,
ज़िंदगी में वो भी इम्तिहान आता है,
Vandna Thakur
सावन आया झूम के .....!!!
सावन आया झूम के .....!!!
Kanchan Khanna
तुम नहीं बदले___
तुम नहीं बदले___
Rajesh vyas
सितम फिरदौस ना जानो
सितम फिरदौस ना जानो
प्रेमदास वसु सुरेखा
कौशल
कौशल
Dinesh Kumar Gangwar
ठोकर भी बहुत जरूरी है
ठोकर भी बहुत जरूरी है
Anil Mishra Prahari
जड़ता है सरिस बबूल के, देती संकट शूल।
जड़ता है सरिस बबूल के, देती संकट शूल।
आर.एस. 'प्रीतम'
कुछ मत कहो
कुछ मत कहो
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
रिश्तों में परीवार
रिश्तों में परीवार
Anil chobisa
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
3183.*पूर्णिका*
3183.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चंडीगढ़ का रॉक गार्डेन
चंडीगढ़ का रॉक गार्डेन
Satish Srijan
*जो कहता है कहने दो*
*जो कहता है कहने दो*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जनता  जाने  झूठ  है, नेता  की  हर बात ।
जनता जाने झूठ है, नेता की हर बात ।
sushil sarna
💐प्रेम कौतुक-437💐
💐प्रेम कौतुक-437💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
// होली में ......
// होली में ......
Chinta netam " मन "
मन-मंदिर में यादों के नित, दीप जलाया करता हूँ ।
मन-मंदिर में यादों के नित, दीप जलाया करता हूँ ।
Ashok deep
सोचा ना था ऐसे भी जमाने होंगे
सोचा ना था ऐसे भी जमाने होंगे
Jitendra Chhonkar
*केले खाता बंदर (बाल कविता)*
*केले खाता बंदर (बाल कविता)*
Ravi Prakash
।।सावन म वैशाख नजर आवत हे।।
।।सावन म वैशाख नजर आवत हे।।
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Loading...