Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2023 · 1 min read

*जो कहता है कहने दो*

क्या कहते हैं लोग मैं फिक्र क्यों करूं
झूठ कहते हैं लोग मैं ज़िक्र क्यों करूं
जिसने जो कहना है वो कहता रहे
जो मेरा दिल कहे मैं तो बस वही करूं

नहीं छोड़ा लोगों ने तो भगवान को भी
मर्यादा पुरुषोत्तम पर भी सवाल खड़े किए
यूँ ही नहीं गई जंगल में अकेले सीता मईया
लोग ही थे जिन्होंने कई सवाल खड़े किए

सभी खुश होंगे तुमसे ये भूल जाओ
जो करना चाहते हो बस उसी में दिल लगाओ
तुम्हारी भलाई या ख़ुशी उन से न देखी जाएगी
जो साथ न है कोई तो तुम दुख न मनाओ

बढ़ते रहो अपनी मंज़िल की तरफ़
जिसे पाकर तुम्हें दिल से ख़ुशी होगी
लेकर चलना बस अपनों को साथ
जिनके साथ से ये ख़ुशी दोगुनी होगी

होंगे अपने साथ अगर इस राह में
राह ख़ुद ब ख़ुद आसान हो जाएगी
लोग कुछ भी कहे क्या फ़र्क़ पड़ता है
तेरी मंज़िल तुझे ज़रूर मिल जाएगी

फिर भी लोग तो कुछ न कुछ कहेंगे
फ़ितरत है उनकी वो कहां चुप रहेंगे
लेकिन तुम बचना कीचड़ में पत्थर फेंकने से
वरना उसके छींटे तुम पर ही गिरेंगे

जो कहता है उसे कहने दो
जो दूर रहता है उसे दूर रहने दो
किसी को खुशी मिलती है यारों
तुम्हें बुरा कहकर, तो उसे खुश रहने दो।

7 Likes · 1920 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
गुरुकुल भारत
गुरुकुल भारत
Sanjay ' शून्य'
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
आर.एस. 'प्रीतम'
वाह मेरा देश किधर जा रहा है!
वाह मेरा देश किधर जा रहा है!
कृष्ण मलिक अम्बाला
अछूत का इनार / मुसाफ़िर बैठा
अछूत का इनार / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
कीमत बढ़ानी है
कीमत बढ़ानी है
Roopali Sharma
मेरी पेशानी पे तुम्हारा अक्स देखकर लोग,
मेरी पेशानी पे तुम्हारा अक्स देखकर लोग,
Shreedhar
अगर कभी अपनी गरीबी का एहसास हो,अपनी डिग्रियाँ देख लेना।
अगर कभी अपनी गरीबी का एहसास हो,अपनी डिग्रियाँ देख लेना।
Shweta Soni
24/227. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/227. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐अज्ञात के प्रति-147💐
💐अज्ञात के प्रति-147💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ऐ दोस्त जो भी आता है मेरे करीब,मेरे नसीब में,पता नहीं क्यों,
ऐ दोस्त जो भी आता है मेरे करीब,मेरे नसीब में,पता नहीं क्यों,
Dr. Man Mohan Krishna
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
Ranjeet kumar patre
दुख वो नहीं होता,
दुख वो नहीं होता,
Vishal babu (vishu)
अपने हुए पराए लाखों जीवन का यही खेल है
अपने हुए पराए लाखों जीवन का यही खेल है
प्रेमदास वसु सुरेखा
हाँ देख रहा हूँ सीख रहा हूँ
हाँ देख रहा हूँ सीख रहा हूँ
विकास शुक्ल
// लो फागुन आई होली आया //
// लो फागुन आई होली आया //
Surya Barman
मन अपने बसाओ तो
मन अपने बसाओ तो
surenderpal vaidya
क्या सितारों को तका है - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
क्या सितारों को तका है - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
तुम मेरा हाल
तुम मेरा हाल
Dr fauzia Naseem shad
बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो
बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो
नेताम आर सी
न  सूरत, न  शोहरत, न  नाम  आता  है
न सूरत, न शोहरत, न नाम आता है
Anil Mishra Prahari
विरह के दु:ख में रो के सिर्फ़ आहें भरते हैं
विरह के दु:ख में रो के सिर्फ़ आहें भरते हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ਦਿਲ  ਦੇ ਦਰਵਾਜੇ ਤੇ ਫਿਰ  ਦੇ ਰਿਹਾ ਦਸਤਕ ਕੋਈ ।
ਦਿਲ ਦੇ ਦਰਵਾਜੇ ਤੇ ਫਿਰ ਦੇ ਰਿਹਾ ਦਸਤਕ ਕੋਈ ।
Surinder blackpen
✍️गहरी बात✍️
✍️गहरी बात✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
रमेशराज के 7 मुक्तक
रमेशराज के 7 मुक्तक
कवि रमेशराज
■ संडे स्पेशल
■ संडे स्पेशल
*Author प्रणय प्रभात*
आत्मा की अभिलाषा
आत्मा की अभिलाषा
Dr. Kishan tandon kranti
नींद
नींद
Kanchan Khanna
अंतरंग प्रेम
अंतरंग प्रेम
Paras Nath Jha
Loading...