Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Dec 2023 · 1 min read

माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती

माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
एक समय कौड़ी के बरावर, एक समय बहुमूल्य होत
स्वर्ण हिरन चाहिए था माँ सीता को, श्रीराम को भेजा वन में
जब स्वर्ण लंका मिल रही माता को, फिर भी दुखी अशोक वन में
रही सता बेदना श्री राम की, मन ही मन माँ सीता रोती
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
था अनुकूल समय जब रावण का, नव गृह बंदी बना लिए
हो गए गुलाम सभी गृह, कालचक्र पाटी से बांध दिए
पर रोक सके ना कालचक्र को, नास कुटुंब का करा दिए
कर कर याद स्नेहीजनो की, नार मंदोदरी रोती
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
था समय साथ जब पार्थ के, कुरुक्षेत्र को फतह किया
भीष्म, द्रौण और कर्ण को मारा, हस्तिनापुर का राज्य लिया
बही अर्जुन बही गाण्डीव,काल ने अर्जुन को मजबूर किया
बचा सके न गोपियों को भीलों से, जंगल बीच गोपियाँ रोती
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
एक समय कौड़ी के बरावर, एक समय बहुमूल्य होती

132 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सबके सामने रहती है,
सबके सामने रहती है,
लक्ष्मी सिंह
घाव
घाव
अखिलेश 'अखिल'
तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है |
तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है |
कवि दीपक बवेजा
*आओ फिर से याद करें हम, भारत के इतिहास को (हिंदी गजल)*
*आओ फिर से याद करें हम, भारत के इतिहास को (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
आसमां से आई
आसमां से आई
Punam Pande
गंगा
गंगा
ओंकार मिश्र
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बिता जहाँ बचप
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बिता जहाँ बचप
Shubham Pandey (S P)
भगवान कहाँ है तू?
भगवान कहाँ है तू?
Bodhisatva kastooriya
Charlie Chaplin truly said:
Charlie Chaplin truly said:
Vansh Agarwal
15- दोहे
15- दोहे
Ajay Kumar Vimal
"इसलिए जंग जरूरी है"
Dr. Kishan tandon kranti
हर एक नागरिक को अपना, सर्वश्रेष्ठ देना होगा
हर एक नागरिक को अपना, सर्वश्रेष्ठ देना होगा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दो जीवन
दो जीवन
Rituraj shivem verma
बिहार, दलित साहित्य और साहित्य के कुछ खट्टे-मीठे प्रसंग / MUSAFIR BAITHA
बिहार, दलित साहित्य और साहित्य के कुछ खट्टे-मीठे प्रसंग / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
धीरे धीरे  निकल  रहे  हो तुम दिल से.....
धीरे धीरे निकल रहे हो तुम दिल से.....
Rakesh Singh
Khuch wakt ke bad , log tumhe padhna shuru krenge.
Khuch wakt ke bad , log tumhe padhna shuru krenge.
Sakshi Tripathi
गैरों से कोई नाराजगी नहीं
गैरों से कोई नाराजगी नहीं
Harminder Kaur
बूथ लेवल अधिकारी(बीएलओ)
बूथ लेवल अधिकारी(बीएलओ)
gurudeenverma198
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
अपने-अपने काम का, पीट रहे सब ढोल।
अपने-अपने काम का, पीट रहे सब ढोल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
माँ
माँ
shambhavi Mishra
ख़ुशी मिले कि मिले ग़म मुझे मलाल नहीं
ख़ुशी मिले कि मिले ग़म मुझे मलाल नहीं
Anis Shah
आ ठहर विश्राम कर ले।
आ ठहर विश्राम कर ले।
सरोज यादव
डॉ. नगेन्द्र की दृष्टि में कविता
डॉ. नगेन्द्र की दृष्टि में कविता
कवि रमेशराज
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
स्त्री
स्त्री
Shweta Soni
अब यह अफवाह कौन फैला रहा कि मुगलों का इतिहास इसलिए हटाया गया
अब यह अफवाह कौन फैला रहा कि मुगलों का इतिहास इसलिए हटाया गया
शेखर सिंह
इतनी खुबसूरत नही होती मोहब्बत जितनी शायरो ने बना रखी है,
इतनी खुबसूरत नही होती मोहब्बत जितनी शायरो ने बना रखी है,
पूर्वार्थ
युद्ध
युद्ध
Dr.Priya Soni Khare
जिसकी जिससे है छनती,
जिसकी जिससे है छनती,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Loading...