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8 Sep 2020 · 1 min read

मात पिता की पुण्यतिथि

मात पिता की पुण्यतिथि जब श्राद्ध पक्ष में आती है
भूली बिसरी यादों से अंतर्मन महकाती है
मां की गोद पिता का साया बचपन याद दिलाता है
प्यार और वात्सल्य याद कर दिल मेरा भर आता है
संस्कार जो दिए आपने काम वो हरदम आते हैं
जीवन पथ की गहराई को सहज ही सुलभ बनाते हैं
त्याग तपस्या बलिदानों की याद हृदय में आती है
अश्रुविंद के गंगाजल से आंख मेरी भर आती है
मात पिता के चरणों में मेरा सहज समर्पण है
श्रद्धा भाव स्वीकार करो गंगाजल से तर्पण है

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
5 Likes · 10 Comments · 284 Views
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