Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2024 · 1 min read

2122/2122/212

गज़ल

2122/2122/212
कहते हैं वो खानदानी है बहुत।
खून में उसके रवानी है बहुत।।

लोग प्यासे मर रहे हैं अनगिनत,
यूं तो चारो ओर पानी है बहुत।

जो किया है भोगना है फल हमें,
आपदाएं और आनी हैं बहुत।

मत है, इसको मत करो बर्बाद तुम,
बात ये सबको बतानी है बहुत।

प्यार, घर परिवार औ’र मां बाप है,
जीने को खेती किसानी है बहुत।

देश पर कुर्बान होने का जिगर,
जिसमें है ऐसी जवानी है बहुत।

राधा गोपी ग्वाल ‘प्रेमी’ बन जिओ,
एक पल की जिंदगानी है बहुत।

……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी

25 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ओह भिया क्या खाओगे ?
ओह भिया क्या खाओगे ?
Dr. Mahesh Kumawat
सुलोचना
सुलोचना
Santosh kumar Miri
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
अंधेरा कभी प्रकाश को नष्ट नहीं करता
अंधेरा कभी प्रकाश को नष्ट नहीं करता
हिमांशु Kulshrestha
कोई मंत्री बन गया , डिब्बा कोई गोल ( कुंडलिया )
कोई मंत्री बन गया , डिब्बा कोई गोल ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
सच तो फूल होते हैं।
सच तो फूल होते हैं।
Neeraj Agarwal
जिन्दगी के हर सफे को ...
जिन्दगी के हर सफे को ...
Bodhisatva kastooriya
🌱कर्तव्य बोध🌱
🌱कर्तव्य बोध🌱
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
डरना नही आगे बढ़ना_
डरना नही आगे बढ़ना_
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
#दुःखद_दिन-
#दुःखद_दिन-
*प्रणय प्रभात*
* शक्ति स्वरूपा *
* शक्ति स्वरूपा *
surenderpal vaidya
5 हाइकु
5 हाइकु
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
घर बाहर जूझती महिलाएं(A poem for all working women)
घर बाहर जूझती महिलाएं(A poem for all working women)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
" मेरी ओकात क्या"
भरत कुमार सोलंकी
"रहमत"
Dr. Kishan tandon kranti
असफलता का घोर अन्धकार,
असफलता का घोर अन्धकार,
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
जीवन में अँधियारा छाया, दूर तलक सुनसान।
जीवन में अँधियारा छाया, दूर तलक सुनसान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
अहमियत 🌹🙏
अहमियत 🌹🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
चिंता
चिंता
RAKESH RAKESH
3047.*पूर्णिका*
3047.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रार्थना
प्रार्थना
Shally Vij
राम मंदिर
राम मंदिर
Sanjay ' शून्य'
दंभ हरा
दंभ हरा
Arti Bhadauria
दुविधा
दुविधा
Shyam Sundar Subramanian
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
एक शकुन
एक शकुन
Swami Ganganiya
त्वमेव जयते
त्वमेव जयते
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इंतजार करते रहे हम उनके  एक दीदार के लिए ।
इंतजार करते रहे हम उनके एक दीदार के लिए ।
Yogendra Chaturwedi
मुफ़लिसों को मुस्कुराने दीजिए।
मुफ़लिसों को मुस्कुराने दीजिए।
सत्य कुमार प्रेमी
प्रथम किरण नव वर्ष की।
प्रथम किरण नव वर्ष की।
Vedha Singh
Loading...