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6 May 2024 · 1 min read

मातृशक्ति को नमन

त्याग तपस्या की मूरत,सूरत प्रेम और बलिदान की
नारी है धरती की पुत्री, जननी सकल जहान की
सारी धरती गोद है उसकी, और आंचल है नीलगगन
विश्व उसके वात्सल्य में बसता, प्रेम में रहता सदा मगन
नारी ममता की छांव, राधा सीता हिंदुस्तान की
धरती का संगीत है नारी, आकाश की सुंदर कविता
नए बिहान की प्रथम किरण , और आकाश की सविता
धरती से अंतरिक्ष तक, कदम है हिंदुस्तान की
वात्सल्य ममता आंचल में, मां है सकल जहांन की
लक्ष्मी सरस्वती और काली, जननी है भगवान की
अकथ कहानी मैत्रेयी गार्गी, दुर्गा लक्ष्मी बाई की
हर नारी में मदर टेरेसा, इंदिरा हिंदुस्तान की
घर बाहर देश दुनिया में, चर्चा द़ोपदी मुर्मू के नाम की
दुनिया के हर क्षेत्र में आगे, धाग तुम्हारे नाम की
असीम शक्ति की धनी है नारी, मेरे हिंदुस्तान की
मातृशक्ति को शतकोटिनमन, तुम देवी हो बरदान की
धन्य धन्य तुम धन्य हो नारी, नारी सकल जहांन की

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
112 Views
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