माता पिता के श्री चरणों में बारंबार प्रणाम है
मात-पिता के श्री चरणों में, बारंबार प्रणाम है
मात पिता ही इस धरती पर, साक्षात भगवान हैं
लख-लख कष्ट सहें जीवन में, करते नहीं बखान हैं
मात पिता ही इस धरती पर, जीवन की पहचान हैं
जन्म दिया और पाला पोसा, जीवन सारा कुर्बान है
सदा जिए बच्चों के खातिर, उनका यही जंहान है
मां की ममता, पिता का साया, शब्दों में कोई कह न पाया
शेष शारदा करें निरंतर, इनकी महिमा का गान है
ऋणी है जग मात पिता का, और ऋणी भगवान हैं
मात पिता के श्री चरणों में, बारंबार प्रणाम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी