Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2021 · 1 min read

माता पिता कभी नहीं मरते …

माता पिता कहीं नहीं जाते ,
कभी नहीं मरते ,
उनका मरता केवल शरीर है ,
उनकी आत्मा तो घर की एक एक ईंट पर ,
विराजमान है ।
जो उन्होंने खड़ी की ,घर बनाने को ।
उनकी छवि बस्ती है घर की प्रत्येक वस्तु पर ,
जो उन्होंने अपने हाथों से संजोई होती है ।
उनका प्रतिबिंब झलकता है , उनके द्वारा दीवारों पर ,
सजाई गई तस्वीरों में।
माता पिता कभी नही मरते ।
उनकी आवाज बड़े भाई / बहन की आवाज में,
उनका अंदाज ,रूप रंग छोटे भाई / बहन के व्यक्तित्व ,
में झलकता है।
कभी साथ मिलकर बैठो तो सही ,समय निकालकर ,
तुम्हें तुम्हारे माता पिता अपने बीच बैठे हुए ही मिलेंगे ।
उनकी बातें करोगे ,तो एहसासों में ,
उनको याद करोगे तो भीगी पलकों में।
उनका नाम पुकारोगे तो धड़कनों में।
तुम्हारे जीवन में दुआ और आशीष बनकर ,
स्नेह की वर्षा करते रहेंगे तुम्हारे माता पिता ।
माता पिता कभी नहीं मरते ,
कहीं नहीं जाते ,
वो हर घड़ी तुम्हारे साथ है ,
जीवन संघर्ष में साथ देने को ।
मार्गदर्शन करने को ,
और कभी कोई समस्या आ जाए या कोई उलझन हो ,
तो उन सब का समाधान करने को प्रतिपल ,
तुम्हारे साथ खड़े है और खड़े रहेंगे ।
माता पिता कभी नहीं मरते ,,
कहीं नहीं जाते ।
शारीरिक रूप से न सही आत्मिक रूप से ,
वो सदा अपनी संतान के साथ है।

Language: Hindi
8 Likes · 10 Comments · 844 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
कुंवारों का तो ठीक है
कुंवारों का तो ठीक है
शेखर सिंह
ज़ेहन से
ज़ेहन से
हिमांशु Kulshrestha
3191.*पूर्णिका*
3191.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फिर मिलेंगें
फिर मिलेंगें
साहित्य गौरव
ओ परबत  के मूल निवासी
ओ परबत के मूल निवासी
AJAY AMITABH SUMAN
नारी शिक्षा से कांपता धर्म
नारी शिक्षा से कांपता धर्म
Shekhar Chandra Mitra
कृष्ण कुमार अनंत
कृष्ण कुमार अनंत
Krishna Kumar ANANT
वृंदावन की कुंज गलियां
वृंदावन की कुंज गलियां
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
वो जो आपकी नज़र से गुज़री अभी नहीं है,,
वो जो आपकी नज़र से गुज़री अभी नहीं है,,
Shweta Soni
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
Sanjay ' शून्य'
वादा करती हूं मै भी साथ रहने का
वादा करती हूं मै भी साथ रहने का
Ram Krishan Rastogi
चाय की चमक, मिठास से भरी,
चाय की चमक, मिठास से भरी,
Kanchan Alok Malu
मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है
मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है
Rituraj shivem verma
एक पंथ दो काज
एक पंथ दो काज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
लगाकर तू दिल किसी से
लगाकर तू दिल किसी से
gurudeenverma198
नश्वर संसार
नश्वर संसार
Shyam Sundar Subramanian
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
प्रकृति
प्रकृति
Monika Verma
रावण की हार .....
रावण की हार .....
Harminder Kaur
मां ने भेज है मामा के लिए प्यार भरा तोहफ़ा 🥰🥰🥰 �
मां ने भेज है मामा के लिए प्यार भरा तोहफ़ा 🥰🥰🥰 �
Swara Kumari arya
अनकहा दर्द (कविता)
अनकहा दर्द (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
ଷଡ ରିପୁ
ଷଡ ରିପୁ
Bidyadhar Mantry
*चली राम बारात : कुछ दोहे*
*चली राम बारात : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
.हिदायत
.हिदायत
shabina. Naaz
■
■ "शिक्षा" और "दीक्षा" का अंतर भी समझ लो महाप्रभुओं!!
*प्रणय प्रभात*
जीवन में सफलता छोटी हो या बड़ी
जीवन में सफलता छोटी हो या बड़ी
Dr.Rashmi Mishra
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
सत्य कुमार प्रेमी
एक तिरंगा मुझको ला दो
एक तिरंगा मुझको ला दो
लक्ष्मी सिंह
मन का महाभारत
मन का महाभारत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...