माईया गोहराऊँ
किसी द्वारे ना जाओ मन मंदिर में माईया बसाओ ।।
पल प्रहर दिन रात माईया ध्यान लगाओ ।।
माईया है एक सहारा हर कठिन चुनौती से माईया ने पार उतारा
माईया ही तो है वात्सल्य सारा
माईया कि सेवा जन्म जीवन सारा।।
कहीं हाथ ना फैलाओ सिर्फ माईया गुण गाओ ।।
जब भी निकले स्वर साज तुम्हारा माईया कि महिमा ही राग तुम्हारा।।
कोई और स्वर साज ना गाओ माईया गोहराओ ।।
जन्म जीवन का सत्य सार माईया का प्यार दुलार क्लेश कष्ट आवे जो भी कही अश्रु ना बहाओ।।
माईया के पावन चरण पखार किसी और चरणों मे शीश ना झुकाओ माईया गोहराओ ।।
काल समय भी माईया कि माया कर्म धर्म अपना माईया कि सेवा मर्म कही औऱ कुछ करो ना करो माईया भक्ति ध्यान जीवन बनाओ।।
माईया का नाम जपो सर्वस्व समर्पित माईया को जीवन कही आश विश्वास ना लगाओ माईया गोहराओ।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उतर प्रदेश।।