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27 Mar 2022 · 1 min read

मां

प्रगति पथ को प्रशस्त करती,
हौसलों को आश्वस्त करती।
हर शोक पीड़ा को हरती,
मां तू हमारे संग रहती।
हांड-मांस के सांचे में
स्नेह संस्कार के रंग भरती,
जीवन के अद्भुत ढांचे में
नव उर्जा की तरंग भरती।
हर शब्द को नि:शब्द करती,
हर वेदना को स्तब्ध करती।
हर हृदय की करुण रसधार हो,
मां, तुम दवा बड़ी असरदार हो।
अद्भुत प्रतिमा को आकार देने वाली,
जीवन की असाधारण कलाकार हो तुम ।
।।रुचि दूबे।।

Language: Hindi
1 Like · 192 Views
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