Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2024 · 1 min read

“अग्निपथ के राही”

“अग्निपथ के राही”
जो कफ़न साथ लेकर सोता है,
वो कभी ठेके पर नहीं होता है।
देश प्रेम का भाव ही होता ऐसा,
सैनिक धरती पर खून बोता है।

1 Like · 1 Comment · 22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
भारत चाँद पर छाया हैं…
भारत चाँद पर छाया हैं…
शांतिलाल सोनी
*दशरथनंदन सीतापति को, सौ-सौ बार प्रणाम है (मुक्तक)*
*दशरथनंदन सीतापति को, सौ-सौ बार प्रणाम है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
जरूरत से ज्यादा
जरूरत से ज्यादा
Ragini Kumari
"पनाहों में"
Dr. Kishan tandon kranti
गांधीजी की नीतियों के विरोधी थे ‘ सुभाष ’
गांधीजी की नीतियों के विरोधी थे ‘ सुभाष ’
कवि रमेशराज
मेरे दिल में मोहब्बत आज भी है
मेरे दिल में मोहब्बत आज भी है
कवि दीपक बवेजा
मन के घाव
मन के घाव
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
चाँद बहुत अच्छा है तू!
चाँद बहुत अच्छा है तू!
Satish Srijan
पलटे नहीं थे हमने
पलटे नहीं थे हमने
Dr fauzia Naseem shad
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
पेड़ और चिरैया
पेड़ और चिरैया
Saraswati Bajpai
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
मनुष्य जीवन है अवसर,
मनुष्य जीवन है अवसर,
Ashwini Jha
भोर की खामोशियां कुछ कह रही है।
भोर की खामोशियां कुछ कह रही है।
surenderpal vaidya
“ जियो और जीने दो ”
“ जियो और जीने दो ”
DrLakshman Jha Parimal
बम
बम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
■ हाल-बेहाल...
■ हाल-बेहाल...
*Author प्रणय प्रभात*
⚜️गुरु और शिक्षक⚜️
⚜️गुरु और शिक्षक⚜️
SPK Sachin Lodhi
*खत आखरी उसका जलाना पड़ा मुझे*
*खत आखरी उसका जलाना पड़ा मुझे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
यहां कश्मीर है केदार है गंगा की माया है।
यहां कश्मीर है केदार है गंगा की माया है।
सत्य कुमार प्रेमी
नव संवत्सर आया
नव संवत्सर आया
Seema gupta,Alwar
जय श्री राम
जय श्री राम
Er.Navaneet R Shandily
वो छोड़ गया था जो
वो छोड़ गया था जो
Shweta Soni
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
Buddha Prakash
दूर चकोरी तक रही अकास...
दूर चकोरी तक रही अकास...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मजदूर दिवस पर एक रचना
मजदूर दिवस पर एक रचना
sushil sarna
23/95.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/95.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"जिंदगी"
नेताम आर सी
घर एक मंदिर🌷🙏
घर एक मंदिर🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
Shekhar Chandra Mitra
Loading...