मां को कैसे भूल जाते हो
सब कुछ याद रखते हो
मां को कैसे भूल जाते हो
जिसने दिया तुम्हें जन्म
सींचा उम्र भर अपने खून से
उसके अहसानों का बदला
इस तरीके से तुम
चुकाते हो
खुद मां बाप बनकर भी
मां बाप होते हैं क्या
यह नहीं समझते हो
मां का होता अपने बच्चे से
क्या रिश्ता
उसको नहीं समझते हो
खुद को समझते
अच्छा और
अपने मां बाप को गलत
यह सोच कितनी दुर्भाग्यपूर्ण
यह विचार कितने घिनौने
यह गुनाह माफी के काबिल नहीं
शायद तुम यह भी नहीं समझते
ऐसे भ्रमित कुछ लोगों से मेरी
यही गुजारिश कि
सब कुछ मिलेगा इस संसार में
एक मां बाप जैसा प्यार फिर
दोबारा नहीं मिलेगा
साथ जो उनका एक बार
छूटा
वह सानिध्य भगवान के
दर्शन से भी नहीं मिलेगा
मां बाप होते खुद में एक
संपूर्ण दुनिया
यह सत्य जान लीजिए
उनके आशीर्वाद के बिना
उनके बच्चे का जीवन नहीं
सुरक्षित
बस यह राज जान लीजिए
जीते जी उनकी कदर कीजिए
अपने बुरे व्यवहार से
न उनका दिल तोड़िए
साथ लेकर अपने साथ
वह क्या गये
जब यह जहां छोड़कर गये गर
अपने बच्चों का प्यार भी
सारी उम्र न पा सके।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001