Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2024 · 1 min read

” माँ “

” माँ ”
विपदाएँ हट जाए परे
देख माँ के आँचल का फैलाव,
माँ जननी माँ ईश्वर
दिल उनके कभी न दुखाव।

4 Likes · 3 Comments · 185 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

परिणाम से पहले
परिणाम से पहले
Kshma Urmila
जुआं में व्यक्ति कभी कभार जीत सकता है जबकि अपने बुद्धि और कौ
जुआं में व्यक्ति कभी कभार जीत सकता है जबकि अपने बुद्धि और कौ
Rj Anand Prajapati
कर रहा हम्मास नरसंहार देखो।
कर रहा हम्मास नरसंहार देखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हम ख़्वाब की तरह
हम ख़्वाब की तरह
Dr fauzia Naseem shad
मैं झूठा हूँ, भीतर से टूटा हूँ।
मैं झूठा हूँ, भीतर से टूटा हूँ।
Kirtika Namdev
" कल्पना "
Dr. Kishan tandon kranti
मनमीत
मनमीत
D.N. Jha
तुम्हारी जय जय चौकीदार
तुम्हारी जय जय चौकीदार
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
*अच्छा जिसका स्वास्थ्य है, अच्छा उसका हाल (कुंडलिया)*
*अच्छा जिसका स्वास्थ्य है, अच्छा उसका हाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
Manoj Mahato
रतन टाटा जी की बात थी खास
रतन टाटा जी की बात थी खास
Buddha Prakash
फौज
फौज
Maroof aalam
हुस्न और खूबसूरती से भरे हुए बाजार मिलेंगे
हुस्न और खूबसूरती से भरे हुए बाजार मिलेंगे
शेखर सिंह
तुम मेरी
तुम मेरी
हिमांशु Kulshrestha
खुरदरे हाथ
खुरदरे हाथ
आशा शैली
वफ़ाओं की खुशबू मुझ तक यूं पहुंच जाती है,
वफ़ाओं की खुशबू मुझ तक यूं पहुंच जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेरा ही बसेरा
तेरा ही बसेरा
Pratibha Pandey
आपका समाज जितना ज्यादा होगा!
आपका समाज जितना ज्यादा होगा!
Suraj kushwaha
मारे ऊँची धाक,कहे मैं पंडित ऊँँचा
मारे ऊँची धाक,कहे मैं पंडित ऊँँचा
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मैं चाहता था  तुम्हें
मैं चाहता था तुम्हें
sushil sarna
निःशब्द के भी अन्तःमुखर शब्द होते हैं।
निःशब्द के भी अन्तःमुखर शब्द होते हैं।
Shyam Sundar Subramanian
दुमदार दोहे
दुमदार दोहे
seema sharma
विधाता छंद
विधाता छंद
Rambali Mishra
जगदम्ब भवानी
जगदम्ब भवानी
अरशद रसूल बदायूंनी
अधूरी दास्तान
अधूरी दास्तान
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Team India
Team India
Aruna Dogra Sharma
"मुश्किलें मेरे घर मेहमानी पर आती हैं ll
पूर्वार्थ
बाबू जी की याद बहुत ही आती है
बाबू जी की याद बहुत ही आती है
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
कोई बात नहीं, अभी भी है बुरे
कोई बात नहीं, अभी भी है बुरे
gurudeenverma198
मेले की धूम
मेले की धूम
Shutisha Rajput
Loading...