Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2024 · 1 min read

माँ

माँ

मेरा दु:ख, माँ का दु:ख
मेरी खुशी, माँ की खुशी
चोट मुझे लगती है
मेरी माँ रो पड़ती हैं।
खाना मैं खाता हूँ
माँ तृप्त हो जाती हैं।
मुझे सुलाकर ही सोती हैं
पर वे ही सबेरे जगाती हैं।
मेरे हर मर्ज की दवा
मेरी माँ ही होती हैं।
ईनाम मैं पाता हूँ
माँ खुश होती हैं।
परीक्षा में पास मैं होता हूँ
मिठाई माँ बाँटती हैं।
माँ, तुम कितनी अच्छी हो
अपने हिस्से की मिठाई भी
मुझे खिला देती हो।
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़

1 Like · 177 Views

You may also like these posts

हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
..
..
*प्रणय*
कर्म कभी माफ नहीं करता
कर्म कभी माफ नहीं करता
नूरफातिमा खातून नूरी
मध्यम परिवार....एक कलंक ।
मध्यम परिवार....एक कलंक ।
Vivek Sharma Visha
सच्चा लगता झूठ का,
सच्चा लगता झूठ का,
sushil sarna
कभी - कभी
कभी - कभी
Shyam Sundar Subramanian
तुम साथ थे तो संभल गया
तुम साथ थे तो संभल गया
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
*मृत्यु एक जीवन का क्रम है, साधारण घटना है (मुक्तक)*
*मृत्यु एक जीवन का क्रम है, साधारण घटना है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
जुगनू
जुगनू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
- मेरा कसूर -
- मेरा कसूर -
bharat gehlot
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के प्रपंच
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के प्रपंच
कवि रमेशराज
Karma
Karma
R. H. SRIDEVI
महिमा है सतनाम की
महिमा है सतनाम की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
एक दीप दिवाली पर शहीदों के नाम
एक दीप दिवाली पर शहीदों के नाम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
उजला चमकता चेहरा
उजला चमकता चेहरा
Chitra Bisht
एक ख्वाब...
एक ख्वाब...
Manisha Wandhare
दिल का आलम
दिल का आलम
Surinder blackpen
ह्रदय की पीड़ा से
ह्रदय की पीड़ा से
Dr fauzia Naseem shad
3326.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3326.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
"मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्‍छा है,
शेखर सिंह
"गुरु का ज्ञान"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कॉफ़ी हो या शाम.......
कॉफ़ी हो या शाम.......
shabina. Naaz
बिगड़ी किश्मत बन गयी मेरी,
बिगड़ी किश्मत बन गयी मेरी,
Satish Srijan
दहेज
दहेज
Kanchan verma
एक ऐसा दोस्त
एक ऐसा दोस्त
Vandna Thakur
बैर नहीं प्रेम
बैर नहीं प्रेम
Sarla Mehta
एक बार मनुहार करना जरुर
एक बार मनुहार करना जरुर
Pratibha Pandey
पिता के बिना सन्तान की, होती नहीं पहचान है
पिता के बिना सन्तान की, होती नहीं पहचान है
gurudeenverma198
राह में मिला कोई तो ठहर गई मैं
राह में मिला कोई तो ठहर गई मैं
Jyoti Roshni
कभी गुज़र न सका जो गुज़र गया मुझमें
कभी गुज़र न सका जो गुज़र गया मुझमें
Shweta Soni
Loading...