माँ के मंदिर
माँ के मंदिर भीड़ लगल छै,
आरती लै माँ तैयार छै ।
कियो माँ के चरण पखारै,
कियो करै श्रृंगार छै
माँ के मंदिर भीड़ लगल छै आरती लै माँ तैयार छै।
धूप जरै छै , दीप जरै छै,
गंध के प्रकार छै ,
माँ के मंदिर भीड़ लगल छै आरती लै माँ तैयार छै ।
नारियल सौं भोग लगौति,
लड्डू भरल थार छै,
माँ के मंदिर भीड़ लगल छै आरती लै माँ तैयार छै।
घंटी बाजै, शंख बजै छै,
घंटा के झंकार छै,
माँ के मंदिर भीड़ लगल छै आरती लै माँ तैयार छै।
कर जोड़ी माँ विनती करै छी,
मूल मंत्र के सार छै,
माँ के मंदिर भीड़ लगल छै आरती लै माँ तैयार छै।
उमा झा