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16 Feb 2024 · 1 min read

जल बचाओ , ना बहाओ

जिस धरा मे बसते है जीवन,
उस जीवन का एक ही आधार,
जल ही जीवन, अमृत जीवन का,
इसको बचाना महत्वपूर्ण है सदा।

बिना जल के प्यास नहीं बुझती,
प्राण सूखते और हरियाली मुरझाती,
सभी प्राणियों को चाहिए जल,
जल बचाओ , ना बहाओ।

सागर नदियाँ झीलें और तालाब,
श्रोत सभी है दूषित ना करना,
कूड़ा कचरा इसमें में ना बहाओ,
आज जल है तभी तो जीवन है।

छोटी–छोटी कोशिशें करोगे,
ध्यान दोगे और महत्व समझोगे,
जल को जरूर तुम बचा सकोगे,
अपना भविष्य आगे बढ़ा पाओगे।

रचनाकार –
बुध्द प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।

Language: Hindi
1 Like · 60 Views
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