Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2024 · 1 min read

महाकाल

हे सदा शिव, हे अंतरयामी
हे महाकाल, हे त्रिपुरारी

हे नागेश्वर ,हे रुद्राय
हे नीलकंठ ,हे शिवाय

हे शिव शम्भू ,हे प्रतिपालक
हे दयानिधि ,हे युग विनाशक

हे गौरी पति,हे कैलाशी
हे काशीवासी, हे अविनाशी

हे पिनाकी ,हे कपाली
हे कैलाशी, हे जगतव्यापी

हे गंगाधराय ,हे जटाधराय
हे जगतपिता,हे सर्वव्यापी

हे गणपति नंदन ,हे तारक मर्दन
हे भूत पतेय, हे भस्मरङ्गी

हे उमा पति हे ,भोले भंडारी
हे अमरनाथ विनती सुनो हमारी

काल हरो प्रभु दुख हरो
रोग दोष प्रभु दूर करो

हे केदारेश्वर, हे भद्रेश्वर
हे बागम्बरधारी ,हे मुरारी।।

संध्या चतुर्वेदी
मथुरा, उप

9 Likes · 1 Comment · 77 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
National Symbols of India
National Symbols of India
VINOD CHAUHAN
*गर्मी पर दोहा*
*गर्मी पर दोहा*
Dushyant Kumar
पिया की प्रतीक्षा में जगती रही
पिया की प्रतीक्षा में जगती रही
Ram Krishan Rastogi
मुक्तक
मुक्तक
Yogmaya Sharma
उधार  ...
उधार ...
sushil sarna
4233.💐 *पूर्णिका* 💐
4233.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
रिश्तों में...
रिश्तों में...
Shubham Pandey (S P)
*मोलभाव से बाजारूपन, रिश्तों में भी आया है (हिंदी गजल)*
*मोलभाव से बाजारूपन, रिश्तों में भी आया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
"चंदा के झूले में, झूलें गणेश।
*प्रणय*
हम अकेले अनमने से हो गये.....!!
हम अकेले अनमने से हो गये.....!!
पंकज परिंदा
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
जगदीश शर्मा सहज
'आलम-ए-वजूद
'आलम-ए-वजूद
Shyam Sundar Subramanian
तुम्हारी आँखें कमाल आँखें
तुम्हारी आँखें कमाल आँखें
Anis Shah
आत्म मंथन
आत्म मंथन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
शीतल शालीन प्रहार का दृष्टि दृष्टिकोण धैर्य धनपत का साहित्यिक प्रहार
शीतल शालीन प्रहार का दृष्टि दृष्टिकोण धैर्य धनपत का साहित्यिक प्रहार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जिसकी भी आप तलाश मे हैं, वह आपके अन्दर ही है।
जिसकी भी आप तलाश मे हैं, वह आपके अन्दर ही है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
आइसक्रीम के बहाने
आइसक्रीम के बहाने
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दोहा समीक्षा- राजीव नामदेव राना लिधौरी
दोहा समीक्षा- राजीव नामदेव राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हर  क़दम  ठोकरें  खा के  चलते रहे ,
हर क़दम ठोकरें खा के चलते रहे ,
Neelofar Khan
जिंदगी इम्तिहानों का सफर
जिंदगी इम्तिहानों का सफर
Neeraj Agarwal
*ये आती और जाती सांसें*
*ये आती और जाती सांसें*
sudhir kumar
जिंदगी में अगर आपको सुकून चाहिए तो दुसरो की बातों को कभी दिल
जिंदगी में अगर आपको सुकून चाहिए तो दुसरो की बातों को कभी दिल
Ranjeet kumar patre
कैसी घड़ी है, कितनी खुशी है
कैसी घड़ी है, कितनी खुशी है
gurudeenverma198
माँ का प्यार
माँ का प्यार
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
दिल का दर्द, दिल ही जाने
दिल का दर्द, दिल ही जाने
Surinder blackpen
बाण मां सू अरदास
बाण मां सू अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
आप में आपका
आप में आपका
Dr fauzia Naseem shad
प्रश्न करे जब पत्रकार तो
प्रश्न करे जब पत्रकार तो
Dhirendra Singh
जिन रिश्तों को बचाने के लिए या अपनी ज़िंदगी मे उनके बने रहने
जिन रिश्तों को बचाने के लिए या अपनी ज़िंदगी मे उनके बने रहने
पूर्वार्थ
Loading...