महाकाल
महाकाल की शरण मे जाकर, जीवन धन्य बना लो तुम
भस्म राख को धारण कर , जीवन सफल बना लो तुम ।
महाकाल है आदि अनन्ता, दिल मे उन्हें बसाओ तुम
बाकी सब छोड़ो तुम उन पर, बस उनके गन गाओ तुम।
जय श्री महाकाल
© प्रशान्त तिवारी “अभिराम”
महाकाल की शरण मे जाकर, जीवन धन्य बना लो तुम
भस्म राख को धारण कर , जीवन सफल बना लो तुम ।
महाकाल है आदि अनन्ता, दिल मे उन्हें बसाओ तुम
बाकी सब छोड़ो तुम उन पर, बस उनके गन गाओ तुम।
जय श्री महाकाल
© प्रशान्त तिवारी “अभिराम”