Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Mar 2024 · 1 min read

– मंजिल को पाना –

– मंजिल को पाना –
कठिन परिश्रम करना,
अपने आपको साबित है करना,
अपने परिश्रम से दुनिया में अपना नाम कमाना,
दुनिया में छा जाना,
पाकर मोहब्बत सभी की ,
सभी पर मोहब्बत लुटाना,
अपने कार्य से इस नश्वर दुनिया में,
कालजयि हो जाना,
अपने आपको मजबूत कर,
अपनी मंजिल को पाना,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान

Language: Hindi
46 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आब त रावणक राज्य अछि  सबतरि ! गाम मे ,समाज मे ,देशक कोन - को
आब त रावणक राज्य अछि सबतरि ! गाम मे ,समाज मे ,देशक कोन - को
DrLakshman Jha Parimal
बाबा साहब की अंतरात्मा
बाबा साहब की अंतरात्मा
जय लगन कुमार हैप्पी
- वह मूल्यवान धन -
- वह मूल्यवान धन -
Raju Gajbhiye
भ्रष्ट होने का कोई तय अथवा आब्जेक्टिव पैमाना नहीं है। एक नास
भ्रष्ट होने का कोई तय अथवा आब्जेक्टिव पैमाना नहीं है। एक नास
Dr MusafiR BaithA
एक उदासी
एक उदासी
Shweta Soni
They say,
They say, "Being in a relationship distracts you from your c
पूर्वार्थ
दुआ कबूल नहीं हुई है दर बदलते हुए
दुआ कबूल नहीं हुई है दर बदलते हुए
कवि दीपक बवेजा
3. कुपमंडक
3. कुपमंडक
Rajeev Dutta
इश्क पहली दफा
इश्क पहली दफा
साहित्य गौरव
माँ
माँ
Neelam Sharma
मातृ भाषा हिन्दी
मातृ भाषा हिन्दी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
फिल्म तो सती-प्रथा,
फिल्म तो सती-प्रथा,
शेखर सिंह
🚩जाग्रत हिंदुस्तान चाहिए
🚩जाग्रत हिंदुस्तान चाहिए
Pt. Brajesh Kumar Nayak
पीते हैं आओ चलें , चलकर कप-भर चाय (कुंडलिया)
पीते हैं आओ चलें , चलकर कप-भर चाय (कुंडलिया)
Ravi Prakash
पुस्तक
पुस्तक
Vedha Singh
गांधी का अवतरण नहीं होता 
गांधी का अवतरण नहीं होता 
Dr. Pradeep Kumar Sharma
उनकी उल्फत देख ली।
उनकी उल्फत देख ली।
सत्य कुमार प्रेमी
महात्मा गांधी
महात्मा गांधी
Rajesh
■ गाली का जवाब कविता-
■ गाली का जवाब कविता-
*Author प्रणय प्रभात*
"हार्दिक स्वागत"
Dr. Kishan tandon kranti
क्यों मुश्किलों का
क्यों मुश्किलों का
Dr fauzia Naseem shad
जिनकी खातिर ठगा और को,
जिनकी खातिर ठगा और को,
डॉ.सीमा अग्रवाल
देखा तुम्हें सामने
देखा तुम्हें सामने
Harminder Kaur
मर्दुम-बेज़ारी
मर्दुम-बेज़ारी
Shyam Sundar Subramanian
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
लघुकथा-
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
हरि हृदय को हरा करें,
हरि हृदय को हरा करें,
sushil sarna
नव-निवेदन
नव-निवेदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
छुट्टी बनी कठिन
छुट्टी बनी कठिन
Sandeep Pande
छलनी- छलनी जिसका सीना
छलनी- छलनी जिसका सीना
लक्ष्मी सिंह
Loading...