– महंगाई की मार –
– मंहगाई की मार –
करती है बेहाल,
चाहे जितना कमाओ,
पर वो होता है पलभर में खलास,
नौकरी पेशा, व्यापारी, आम आदमी है जिससे परेशान,
नेता करते वोट मांगने के लिए जिस नारे का इस्तेमाल,
एक दूसरे पर आरोप ,प्रत्यारोप लगाने का रखते ध्यान,
कहते नेता हम आए सत्ता में तो लगा देंगे इस पर लगाम,
लेकर इसका नाम लेते वोटो का भंडार,
चाहे जितना कमाओ फिर भी मिलता नही जिससे आराम,
करती है वो सबको हताश और परेशान,
वर्तमान में उसकी मार के लोग सब है फीके ,
वो कहलाती इस दुनिया में महंगाई की मार,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क -7742016184