“ममता की बरसात”
एक चाह मेरी है मां
गोदी में लिटा कर मुझको
वो प्यार का सावन दे दो।
कुछ और चाह न मेरी,
बस गोद मिले मां तेरी।
जन्नत है मुझे क्या मालूम।
तेरी गोद मां जन्नत मेरी।
ईश्वर को मैं क्या जानूं,
कैसे हैं वो मैं कैसे जानूं।
मेरी तो प्राण बस मेरी मां।
एक चाह मेरी है मां,
गोदी में लिटा कर मुझको
वो प्यार का सावन दे दो।
दुनिया में तुम लाई ,
जीना भी सिखलाया
तुमने ही तो मां मुझको
यह जग है दिखलाया।
बस घर के कोने में
बचपन मेरा दे दो।
एक चाह मेरी है मां
गोदी में लिटा कर मुझको
वो प्यार का सावन दे दो।
मेरे पास खजाना है
ममता का मां माना।
किंतु अपने हिस्से का
मुझको तुमसे पाना।
एक चाह मेरी है मां
बस मेरे हिस्से का
वो प्यार मुझे दे दो।
आधार हो तुम मेरी
मैं तेरी निशानी हूं।
पहचान तुम्हारी हूं,
शान तुम्हारी हूं।
एक चाह मेरी है मां
रेखा बस समता का
अधिकार मुझे दे दो।