मन्दिर भीतर भी करे, चप्पल का जो ध्यान ।
माया में है मन रमा, तन है ईश्वर द्वार ।
कैसे तेरी प्रार्थना, करें देव स्वीकार ।।
मन्दिर भीतर भी करे, चप्पल का जो ध्यान ।
मुश्किल है उस पर कृपा, कर पाएं भगवान ।।
रमेश शर्मा.
माया में है मन रमा, तन है ईश्वर द्वार ।
कैसे तेरी प्रार्थना, करें देव स्वीकार ।।
मन्दिर भीतर भी करे, चप्पल का जो ध्यान ।
मुश्किल है उस पर कृपा, कर पाएं भगवान ।।
रमेश शर्मा.