Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2017 · 1 min read

नहीं भटकिए आप, मिलेंगे यम कुछ आगे

आगे मंदिर कृष्ण का, पीछे आश्रम-धाक|
आँगन में फिर भी चले, प्रतिदिन द्वंद-पिनाक||
प्रतिदिन द्वंद-पिनाक, करेला नीम चढ़ा है|
साँप लोटते साथ, मनुज कें सींग कढा है||
कह “नायक” कविराय, जगत् साया के आगे,
नहीं भटकिए आप, मिलेंगे यम, कुछ आगे||

बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता

धाक=आधार,प्रसिद्धि

439 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
💐प्रेम कौतुक-551💐
💐प्रेम कौतुक-551💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हम संभलते है, भटकते नहीं
हम संभलते है, भटकते नहीं
Ruchi Dubey
भरी रंग से जिंदगी, कह होली त्योहार।
भरी रंग से जिंदगी, कह होली त्योहार।
Suryakant Dwivedi
मैं मजदूर हूं
मैं मजदूर हूं
हरवंश हृदय
सोच~
सोच~
दिनेश एल० "जैहिंद"
मालिक मेरे करना सहारा ।
मालिक मेरे करना सहारा ।
Buddha Prakash
*जीवन में प्रभु दीजिए, नया सदा उत्साह (सात दोहे)*
*जीवन में प्रभु दीजिए, नया सदा उत्साह (सात दोहे)*
Ravi Prakash
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
सत्य क्या है ?
सत्य क्या है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
खोदकर इक शहर देखो लाश जंगल की मिलेगी
खोदकर इक शहर देखो लाश जंगल की मिलेगी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
मुसाफिर हैं जहां में तो चलो इक काम करते हैं
मुसाफिर हैं जहां में तो चलो इक काम करते हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी भी डंक मार सकती है इसीलिए होशिय
मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी भी डंक मार सकती है इसीलिए होशिय
Tarun Singh Pawar
*पिता*...
*पिता*...
Harminder Kaur
आ जाओ घर साजना
आ जाओ घर साजना
लक्ष्मी सिंह
बहता पानी
बहता पानी
साहिल
" मेरा रत्न "
Dr Meenu Poonia
"आया मित्र करौंदा.."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मौजु
मौजु
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■ समयोचित सलाह
■ समयोचित सलाह
*Author प्रणय प्रभात*
ब्रज के एक सशक्त हस्ताक्षर लोककवि रामचरन गुप्त +प्रोफेसर अशोक द्विवेदी
ब्रज के एक सशक्त हस्ताक्षर लोककवि रामचरन गुप्त +प्रोफेसर अशोक द्विवेदी
कवि रमेशराज
रूबरू मिलने का मौका मिलता नही रोज ,
रूबरू मिलने का मौका मिलता नही रोज ,
Anuj kumar
शिष्टाचार के दीवारों को जब लांघने की चेष्टा करते हैं ..तो दू
शिष्टाचार के दीवारों को जब लांघने की चेष्टा करते हैं ..तो दू
DrLakshman Jha Parimal
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
तपते सूरज से यारी है,
तपते सूरज से यारी है,
Satish Srijan
क्रिकेटफैन फैमिली
क्रिकेटफैन फैमिली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
2456.पूर्णिका
2456.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
खूब उड़ रही तितलियां
खूब उड़ रही तितलियां
surenderpal vaidya
" रिन्द (शराबी) "
Dr. Kishan tandon kranti
सुकर्मों से मिलती है
सुकर्मों से मिलती है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...