Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Mar 2024 · 1 min read

नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार

नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
दया करो तुम दया निधि,आन पड़ा तेरे द्वार
आन पड़ा तेरे द्वार, तुम्हे नित शीश झुकाऊं
शरण पड़ा में आन,प्रभु में चरण दवाऊं

34 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नौजवानों से अपील
नौजवानों से अपील
Shekhar Chandra Mitra
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
Ajay Mishra
क्षणिकाए - व्यंग्य
क्षणिकाए - व्यंग्य
Sandeep Pande
Love whole heartedly
Love whole heartedly
Dhriti Mishra
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
Manisha Manjari
"ऐसा क्यों होता है?"
Dr. Kishan tandon kranti
मन बैठ मेरे पास पल भर,शांति से विश्राम कर
मन बैठ मेरे पास पल भर,शांति से विश्राम कर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चार पैसे भी नही....
चार पैसे भी नही....
Vijay kumar Pandey
नारी
नारी
Bodhisatva kastooriya
मंथन
मंथन
Shyam Sundar Subramanian
💐प्रेम कौतुक-471💐
💐प्रेम कौतुक-471💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मोर छत्तीसगढ़ महतारी
मोर छत्तीसगढ़ महतारी
Mukesh Kumar Sonkar
पर्यावरण
पर्यावरण
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कर न चर्चा हसीन ख्वाबों का।
कर न चर्चा हसीन ख्वाबों का।
सत्य कुमार प्रेमी
कोई मुरव्वत नहीं
कोई मुरव्वत नहीं
Mamta Singh Devaa
2527.पूर्णिका
2527.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
वास्तविक प्रकाशक
वास्तविक प्रकाशक
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Bundeli Doha-Anmane
Bundeli Doha-Anmane
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
भजलो राम राम राम सिया राम राम राम प्यारे राम
भजलो राम राम राम सिया राम राम राम प्यारे राम
Satyaveer vaishnav
अगर.... किसीसे ..... असीम प्रेम करो तो इतना कर लेना की तुम्ह
अगर.... किसीसे ..... असीम प्रेम करो तो इतना कर लेना की तुम्ह
पूर्वार्थ
*पद का मद सबसे बड़ा, खुद को जाता भूल* (कुंडलिया)
*पद का मद सबसे बड़ा, खुद को जाता भूल* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
* पावन धरा *
* पावन धरा *
surenderpal vaidya
कलाकृति बनाम अश्लीलता।
कलाकृति बनाम अश्लीलता।
Acharya Rama Nand Mandal
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
जय माता दी ।
जय माता दी ।
Anil Mishra Prahari
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
Dushyant Kumar Patel
हर लम्हा
हर लम्हा
Dr fauzia Naseem shad
सम्बन्धों  में   हार  का, अपना  ही   आनंद
सम्बन्धों में हार का, अपना ही आनंद
Dr Archana Gupta
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
Manoj Mahato
Loading...