मत फेर मुँह
मत फेर मुँह
दर्द से
मत कोस
तू इस धूप को
ये जरूरी है
कामयाबी के लिए
वरना ठिठकेंगे
तेरे कदम
सुख की छाँव को
देखकर।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
श्रेष्ठ लेखक के रूप में विश्व रिकॉर्ड में दर्ज
मत फेर मुँह
दर्द से
मत कोस
तू इस धूप को
ये जरूरी है
कामयाबी के लिए
वरना ठिठकेंगे
तेरे कदम
सुख की छाँव को
देखकर।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
श्रेष्ठ लेखक के रूप में विश्व रिकॉर्ड में दर्ज