मंजिलें
पास अगर मंजिल हो तो,
रास्ता अपने आप मिल जाता है।
हौसला देख हमारा खुदा भी,
मददगार बन जाता है।
यदि दिल में हो तम्मना मंजिल पाने की,
तो नदियां भी बना लेती हैं सागर से मिलने,
कि राहें भी।
दिल में होना चाहिए मंजिल पाने का जनुन,
फिर हमें पीछे नहीं हटा सकता कोई भी कानून।