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12 Sep 2023 · 1 min read

हिन्दी पर नाज है !

करोड़ों जनों की भाषा
फूलेगी फलेगी स्वतः,
किसी प्रचार तंत्र की.
नहीं मोहताज है !

सिद्ध सृजन से सजा
साहित्य सँवरा हुआ,
संस्कृति की वाहक है
मन की आवाज है !

कितनी भी खुल जाएं
अंग्रेजी शाला देश में,
मातृ भाषा ही में सोचे
हिन्द का समाज है !

सीखो अन्य भाषा चाहे
स्वदेश या विदेश की
सेतु सब भाषाओं की
हिन्दी पर नाज है !!!
-ओम प्रकाश नौटियाल

1 Like · 1 Comment · 73 Views
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